उनके होने का एहसास कुछ ऐसा रहा कि सुबह की किरणों में नज़र आए। उनके होने का एहसास कुछ ऐसा रहा कि सुबह की किरणों में नज़र आए।
ढलता सूरज घना अंधेरा देख न हो बेजार। ढलता सूरज घना अंधेरा देख न हो बेजार।
भूल जाना मुझे मेरे यार, फ़िलहाल किसी और का हूँ मैं..! भूल जाना मुझे मेरे यार, फ़िलहाल किसी और का हूँ मैं..!
प्रेम मन्दिर का हमारा सफर रोमांचक नही रहा। अंत मे हम अपने घर आ गए। प्रेम मन्दिर का हमारा सफर रोमांचक नही रहा। अंत मे हम अपने घर आ गए।
जैसे हम उन्हें दिल से याद करते है उन्हें याद हम भी कभी आते होंगे। जैसे हम उन्हें दिल से याद करते है उन्हें याद हम भी कभी आते होंगे।
एक-दूसरे की चाह न करके, एक-दूसरे की प्रतीक्षा करें क्यूं ना थोड़ा अलग प्रेम करें।। एक-दूसरे की चाह न करके, एक-दूसरे की प्रतीक्षा करें क्यूं ना थोड़ा अलग प्रे...